डाकिया जा रे..
श्याम ने संदेशो दीजिये,
श्याम ने जायत कहे दिज्ये,
भगत थारे दर्शन ने तरसे,
डाकिया जा रे ..
कोनसे गांव थारो श्याम बरसो है इतना म्हणे बता दे,
सवेक रे...
अगर तेरे पास ह कोई निशने म्हणे तू दिखला दे,
किया जाँऊगा पेहचान मैं हु छोरो अनजान,
किया श्याम सु होसी मिलन,
खाटू में हे श्याम जी को मंदिर शिखर धवजा लहरावे,
डाकिया ओ.......
ड्योडी पर हनुमान बिराजे सेवक चवर धुलावे,
बनके नौबत बजे बार गूंजे हरदम जय जय कार,
सज धज बैठो ह श्याम साजन
डाकिया जा रे.......
पहुंच गया दरबार श्याम के बोलन लगाया सन्देश,
बाबा ओ........
बन बेठ्यो कद श्याम दीवानो कुछ न रयो आदेशों
आखाड़े ले सो बरसे धार जाइए सावन के फुहार,
देख सावरिया बोलियों यह वचन
डाकिया जा रे....
कहे दीजिये तू जाये सेवक ने तेरो बुलावो आ सी,
सेवक रे....
सब के आस पुरहु तो तू कइया रहे पासी,
तेरे सारे जणू हु बात पूरी कर शु मन की आस,
पर बढ़ा मेरे काने कदम,
डाकिया जा रे....
आआ आ आ आ आ...
चिठ्ठी आई है आई है,
चिट्ठी आये है खाटू से चिट्ठी आई है,
बड़े दिनों के बाद मेरे श्याम धनि को आज,
भगत की याद सताई हे,
चिट्ठी आई हे ......
सुन संदेशो सावरिया को मनरो घणो हरशायो,
बाबा ओ.....
बंध गया पाँव म घुगरिआ सा मान को मोरयो गया,
महारा श्याम बादो दिलदार हो जाओ लेवण ने तैयार,
महिमा गावे ह कमल किशन
डाकिया जा रे..
dakiya jaa re shyam ne jay tu keh dije