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Monday, October 8, 2018

मनिहारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया | Manihari Ka Bhesh Banaya

मनिहारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।छलिया का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।

।। अन्तरा ।।


झोली कंधे धरी, उसमें चूड़ी भरी

गलियों में शोर मचाया, श्याम चूड़ी बेचने आया

मनिहारी का भेष......................................।।1।।


राधा ने सुनी, ललिता से कही

मोहन को तुरन्त बुलाया, श्याम चूड़ी बेचने आया

मनिहारी का भेष......................................।।2।।


चूड़ी लाल नहीं पहनूँ, चूड़ी हरी नहीं पहनूँ

मुझे श्याम रंग है भाया, श्याम चूड़ी बेचने आया

मनिहारी का भेष......................................।।3।।


राधा पहनन लगी, श्याम पहनाने लगे

राधा ने हाथ बढ़ाया, श्याम चूड़ी बेचने आया

मनिहारी का भेष......................................।।4।।


राधा कहने लगी, तुम हो छलिया बड़े

धीरे से हाथ दबाया, श्याम चूड़ी बेचने आया

मनिहारी का भेष......................................।।5।।


Song: -
मनिहारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
(Manihari Ka Bhesh Banaya, Shyam Chudi Bechne Aaya)


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