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Saturday, October 13, 2018

अपने भगतो के घर गए थे गिरधर , apne bhakto ke ghar gaye the girdhar

अपने भगतो के घर तुम गए थे  गिरधर 
ये पता है ज़माने को,
बाबा आजाओ ना निर्धन के घर कुछ पल ही बिताने को,

छप्पन भोग लगे तेरे, मेरे घर खा लेना श्याम रुखा सूखा,
घर न हो जो कुछ भी मेरे एक दिन रह लेना तू मेरे संग भूखा,
ये कंगाल हे एक तेरा लाल हे, आया तुझको बुलाने को,
बाबा आजाओ ना......

सोने के सिंघासन पर सदा विराजते हो खाटू वाले,
मेरे फटे पुराने आसान पर एक बार बेठ जा ओ मुरली वाले,
शान होगी न कम बाबा तेरी कसम , आया तुझको बताने को,
बाबा आजाओ ना....

रोज दिवाली होती तेरी , मेरे घर में रहता है सदा अँधेरा,
फूलो पर सोने वाले, काँटों पे बिछोना हे ओ बाबा मेरा,
आके तो आजमा दूँगा पलके बिछा, बाबा तुझको सुलाने को,
बाबा आजाओ ना.......

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